अरूज़ में सालिम रुक्न, ज़िहाफ़, वतद, सबब और अन्य मूलभूत तत्वों की सम्पूर्ण समझ
ग़ज़ल की दुनिया में अगर भावनाएँ रूह हैं, तो अरूज़ उसका ढाँचा है। इस लेख में हम ग़ज़ल लेखन की नींव रखने वाले तत्वों पर बात करेंग…
ग़ज़ल की दुनिया में अगर भावनाएँ रूह हैं, तो अरूज़ उसका ढाँचा है। इस लेख में हम ग़ज़ल लेखन की नींव रखने वाले तत्वों पर बात करेंग…
शायरी एक ऐसी कला है जिसमें भावनाएँ सिर्फ़ शब्दों से नहीं, बल्कि लय और संगीतात्मकता से भी व्यक्त होती हैं। शायरी में शब्दों की…
मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान , जिन्हें उनके तख़ल्लुस ‘ग़ालिब’ से जाना जाता है, उर्दू और फ़ारसी भाषा के महानतम शायरों में से एक …
जॉन एलिया: एक बेमिसाल उर्दू शायर जन्म: 14 दिसंबर 1931 – मृत्यु: 8 नवंबर 2002 जन्म स्थान: अमरोहा, उत्तर प्रदेश, …
बह्र का अर्थ होता है छंद, यानी वह मीटर या लयात्मक ढांचा जिसमें किसी शेर को बाँधा जाता है। जैसे हिंदी कविता में छंदों का नियम हो…
वज़्न यानी मीटर शायरी की वह लयात्मक संरचना होती है जो किसी शेर या मिसरे को सुनने में मधुर, संतुलित और प्रभावशाली बनाती है। यह कव…
अरूज़ शायरी का वो नियम है जो यह बताता है कि कोई शेर लय (मीटर) में है या नहीं। जैसे भाषा को सही ढंग से बोलने और लिखने के लिए व्या…
यह लेख उर्दू शायरी की जड़ों से लेकर उसकी ऊँचाइयों तक एक संपूर्ण मार्गदर्शन है, जिसमें शायरी के चाहने वालों के लिए हर ज़रूरी पहलू…
एक अच्छा शायर केवल लफ़्ज़ों का कारीगर नहीं होता, वह एक एहसासों का दस्तकार होता है। उसकी पहचान इस बात से नहीं होती कि उसने कितन…
उर्दू केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील एहसास है — जो लफ़्ज़ों की नज़ाकत, अदब की रिवायत और अंदाज़-ए-बयां की शाइस्ता तहज़ीब…
इस भाग में उर्दू शायरी में प्रयोग होने वाले तख़ल्लुस यानी शायर के उपनाम की परंपरा, उसका महत्व और प्रयोग की विधि को विस्तार से …